Thursday, August 20, 2009

उधार की जिन्दगी

हर बात कुछ याद दिलाती है....
हर याद कुछ मुस्कान लाती है....
कौन नहीं चाहता खुशियों को पास रखना अपने...
पर कहाँ वो हर पल साथ रह पाती है.....

समय का आभाव भी बहुत है जिन्दगी में....
भूल गए पलों को पैसो की बंदगी में.....
पर साथ तो अतीत का भी चाहिए...
और कम समय और शब्द कम है जिन्दगी में.....

रात से कुछ पल उधार ले....
कोशिश की रहने की उधार ले.....
जो दिन भर की जद्दोजहत के बाद बचे....
बनी उनसे कविता शब्द उधार ले......

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